मंगलवार, 13 अगस्त 2019

अधिकाधिक पात्र व्यक्तियांे को जन कल्याणकारी योजनाआंे से लाभांवित करवाएंः रतनू

15 अगस्त से 2 अक्टूबर तक आयोजित होंगे महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविर

बाड़मेर,13 अगस्त। ग्राम पंचायत स्तर पर 15 अगस्त से 2 अक्टूबर तक महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविरांे का आयोजन होगा। इनमंे अधिकाधिक पात्र व्यक्तियांे को राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाआंे से लाभांवित करवाएं। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने मंगलवार सांय वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए विकास अधिकारियांे को निर्देशित करते हुए यह बात कही।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने कहा कि शिविरों के दौरान श्रमिक कार्ड बनवाने एवं श्रमिकों के हित की शुभ शक्ति आदि योजनाओं के तहत ज्यादा से ज्यादा नामांकन करवाने पर विशेष जोर दें। उन्हांेने पट्टों के वितरण एवं नवीनीकरण, प्रत्येक पंचायत को दिए गए कार्यों के रिवीजन कर कार्यवाही करने एवं शिक्षित बेरोजगार युवकों को बेरोजगार भत्ता के आवेदन भरने आदि के संबध में प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ’’महिला शक्ति समूह’’ का गठन कर महिला एवं बच्चों के कानूनी अधिकारों की जानकारी एवं उनसे संबधित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए। इस दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू ने महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविरांे मंे संपादित किए जाने वाले कार्याें के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पेंशन एवं विभिन्न ऋण योजनाओ से भी अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करवाने के निर्देश दिए।
15 अगस्त से प्रारंभ होंगे महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविरः राज्य सरकार के निर्देशानुसार ग्राम पंचायतों में 15 अगस्त से महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविर लगाकर वंचित ग्रामीणों को आवासीय मकानों एवं भूखंडों के पट्टे जारी किए जाएंगे। दो अक्टूबर तक चलने वाले शिविरों में ग्रामीणों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी। पट्टा विहीन पात्र व्यक्तियों से जरूरी दस्तावेज शिविर की तिथि से पूर्व ही प्राप्त कर उनके निस्तारण से संबंधित आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 
ग्राम पंचायतों की आबादी भूमि का होगा सीमा ज्ञानः महात्मा गांधी ग्रामोत्थान शिविर के तहत ग्राम पंचायतों की आबादी भूमि का सीमा ज्ञान भी किया जाएगा। वर्तमान में पंचायतों की आबादी भूमि का सीमा ज्ञान नहीं है। ऐसे में पंचायतों को भूमि आवंटन एवं पट्टा बनाने में परेशानी होती है। पंचायती राज विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जिला कलेक्टर तहसीलदार एवं पटवारियों को पंचायतों के सीमा ज्ञान के लिए पाबंद करे। जिले की समस्त ग्राम पंचायतों की आबादी भूमि का सीमा ज्ञान होना जरूरी है।

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