मंगलवार, 2 जुलाई 2019

टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक का छिड़काव जारी,छह अतिरिक्त वाहन आवंटित

 टिड्डी नियंत्रण के लिए कृषि विभाग के कार्मिकांे की ओर से ग्रामीण इलाकांे मंे सर्वे जारी

बाड़मेर, 02 जुलाई। बाड़मेर जिले मंे टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक का छिड़काव जारी है। अब तक गडरारोड़ इलाके मंे टिड्डी दल देखे गए है। मौजूदा समय मंे स्थिति नियंत्रण मंे है। टिड्डी चेतावनी संगठन, कृषि विभाग के कार्मिकांे के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी स्थिति पर नजर रखे हुए है। 
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे टिड्डी के प्रकोप एवं आगामी समय में टिड्डी से फसलों को नुकसान की आशंका को देखते हुए इससे निपटने के लिए माकूल इंतजाम किए गए हैं। गडरारोड़ इलाके के तामलोर, जुम्मा फकीर की बस्ती एवं आसपास के इलाकांे मंे टिड्डी दल के हमले की सूचना के बाद प्रभावित इलाकांे मंे कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। उनके मुताबिक आमजन कहीं पर भी टिड्डी दिखाई देने पर जिला मुख्यालय पर स्थित नियंत्रण कक्ष 0282-222226 एवं टिड्डी नियंत्रण कक्ष के दूरभाष 02982-220045, मोबाइल नंबर 9461520342, 9414607764, 9866426515, 9443672131, 9461965383 पर सूचना दे सकते है। उन्हांेने बताया कि बाड़मेर जिले मंे प्रभावित इलाकांे मंे मौजूदा समय मंे पांच वाहनांे के जरिए कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त 8 वाहनांे की अनुमति प्रदान की गई है। उनके मुताबिक टिड्डी नियंत्रण के लिए फील्ड स्टाफ, कीटनाशक दवाई के छिड़काव एवं सर्वे के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए गए है। प्रभावित इलाकांे मंे टिड्डी चेतावनी संगठन की ओर से तत्परता से नियंत्रण कार्य हो, इसके लिए विभागीय कार्मिकांे को सजगता के साथ पूर्ण सहयोग करने के निर्देश दिए गए है। इधर, कृषि विभाग के उप निदेशक किशोरीलाल वर्मा ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे टिड्डी दल को लेकर स्थिति नियंत्रण मंे है। विभागीय कार्मिक ग्रामीण इलाकांे मंे नियमित रूप से सर्वे कर रहे है। टिड्डी चेतावनी संगठन की ओर से टिड्डी नियंत्रण के लिए वांछित एवं प्रभावी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। वर्तमान में टिड्डियों का प्रवेश अकृषि क्षेत्र में है, इनसे अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है, परन्तु जिन स्थानों पर अंडे दिए गए हैं, वहां अंडों से निकले निम्फ का नियंत्रण कार्य करवाया जा रहा है। उनके मुताबिक बारिश होने पर टिड्डी दल के विस्तार की संभावनाओं से नकारा नहीं जा सकता। इससे खरीफ की फसल को भविष्य में टिड्डियों का प्रकोप बढ़ने पर नुकसान हो सकता है। ऐसे मंे टिड्डी चेतावनी संगठन के साथ विभागीय कार्मिक लगातार सहयोग एवं समन्वय के साथ टिड्डी नियंत्रण के कार्य मंे जुटे है। वहीं आयुक्तालय स्तर पर टिड्डी प्रभावित-संभावित जिलों में टिड्डी दल पर निगरानी, सर्वेक्षण एवं प्रबंधन तथा नियंत्रण के लिए दलों का गठन किया जा चुका है।

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