चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
मंत्री डा. रघु शर्मा ने चिकित्साधिकारियांे को दिए दिशा-निर्देश
बाड़मेर, 31 जनवरी। आमजन मंे स्वाइन फ्लू से बचाव के प्रति जागरूकता होना जरूरी है। इसके लिए
वृहद स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाएं। चिकित्सा विभाग ने स्वाइन फ्लू से निपटने के
लिए पुख्ता इंतजाम किए है। सभी चिकित्सकांे को प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश
दिए गए है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा ने गुरूवार को जिला मुख्यालय
पर कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे चिकित्साधिकारियांे की बैठक को संबोधित करते हुए यह
बात कही।
इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, आयुर्वेद तथा जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य सरकार
स्वाइन फ्लू के उपचार के लिए कारगर व्यवस्थाएं लागू की है। उन्होंने कहा कि समस्त जिला
मुख्यालयों पर स्वाइन फ्लू संबंधित जांच केन्द्र खोले गए है। इससे स्थानीय स्तर पर
मरीजांे को जांच की सुविधा मुहैया हो रही है। उन्हांेने कहा कि स्वाइन फ्लू पोजिटिव
होना अवश्य चुनौती है,लेकिन यह लाइलाज नहीं है। इससे बचाव के लिए आमजन मंे जागरूकता होना बेहद जरूरी
है। चिकित्सा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र
में स्वाइन फ्लू के प्रति सजग रहें एवं रोगी मंे इसके लक्षण मिलते ही तत्काल समय पर
उपचार सुनिश्चित करें। उन्हांेने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.कमलेश चौधरी
को निर्देश दिए कि वे विद्यालयों की प्रार्थना सभाआंे मंे चिकित्सकों को भेजकर स्वाइन
फ्लू के लक्षण एवं उपचार के बारे में जानकारी दें,। ताकि जन सहयोग से इस रोग पर समय रहते नियंत्रण पाया जा सकें।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा.शर्मा ने कहा कि सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्रों पर होर्डिंग्स अथवा पोस्टर लगाकर स्वाइन फ्लू के लक्षण एवं उपचार के बारे
मंे जानकारी प्रदर्शित करवाएं। उन्हांेने सभी चिकित्सको को हिदायत दी कि वे मरीज को
बाहर की दवाई एवं जांच के लिए पर्ची नहीं लिखें। साथ ही निःशुल्क दवा एवं जांच की सुविधा
चिकित्सालय में उपलब्ध है उसका पूरा लाभ मरीजों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो
चिकित्सक बाहर की दवा एवं जांच लिखेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा
कि चिकित्सालय में जो लपके मरीजों को बाहर की दवाई एवं जांच के लिए भ्रमित करते है
उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू के रोकथाम के लिए दवा
की कोई कमी नहीं है, बल्कि हमें इस परिस्थिति में सेवा भाव से कार्य कर मरीजों का उपचार करना है। उन्होंने
कहा कि चिकित्सक को मरीज भगवान के समान समझता है। वे अपने व्यवहार में बदलाव लाकर सदैव
मरीज के साथ मधुर व्यवहार रखकर उसका उपचार करें, ताकि उसकी आधी बीमारी तो डॉक्टर के व्यवहार से ही ठीक हो जायेगी।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशा मुक्ति अभियान एवं एनीमिया मुक्त राजस्थान
अभियान की शुरूआत की है। उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों को कहा कि वे इस अभियान
का प्रभावी ढंग से संचालन कर जिले को नशे एवं एनीमिया जैसी बुरे व्यसनों व बीमारियों
से मुक्त करावें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी कहा कि वे इस अभियान मंे पूरा सहयोग
प्रदान करें। शिव विधायक अमीन खान ने ब्लाक लेवल पर बीसीएमएचओ के पद भरने का अनुरोध
किया। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने डिलेवरी केसेज एवं हादसांे मंे घायल होने वाले
मरीजांे को रेफर करने का मामला उठाते हुए कहा कि इस व्यवस्था मंे सुधार लाया जाए। ताकि
स्थानीय स्तर मरीजांे को उपचार मिल सके। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
डा.कमलेश चौधरी ने स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए किए गए इंतजामांे एवं विभिन्न योजनाआंे
की प्रगति से अवगत कराया। बैठक के दौरान जिला प्रमुख श्रीमती प्रियंका मेघवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर
राकेश कुमार, प्रधान तेजाराम, पुष्पा चौधरी समेत विभिन्न जन प्रतिनिधि एवं चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।
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