सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों
पर चुनाव आयोग ने किया फॉर्म-26 में संशोधन
बाड़मेर, 12 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णयानुसार उम्मीदवारों
द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म संख्या-26 में संशोधन किया है। इसके तहत चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को उनके विरूद्ध
यदि कोई अपराधिक मामले दर्ज हैं, तो उसकी जानकारी चुनाव आयोग को देने के साथ ही प्रिन्ट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया
में व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करवाना अनिवार्य होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान
नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को शपथ पत्र के साथ फॉर्म नंबर-26 में अपनी सम्पत्ति, शैक्षणिक योग्यता और
यदि कोई आपराधिक मामले या मामला हो तो उसकी जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। उन्हांेने
बताया कि उम्मीदवारों को नामांकन के दौरान मोटे अक्षरों में आपराधिक मामलों की जानकारी
दर्शानी होगी। साथ ही जिस पार्टी से टिकट ले रहे हैं उसे भी आपराधिक मामलों के बारे
में सूचित करना होगा। राजनीतिक दलों को भी उम्मीदवारों से प्राप्त सूचना को अपनी वेबसाइट
पर अनिवार्य रूप से दर्शानी होगी। इसके अलावा प्रत्येक उम्मीदवार को नामांकन दाखिल
करने के बाद आपराधिक मामलों की जानकारी यदि कोई हो तो प्रिन्ट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया
में व्यापक तौर पर कम से कम 3 बार प्रकाशित और प्रसारित करवानी होगी। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग
ने इस निर्णय की पालना के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कोई भी उम्मीदवार
पर दोष सिद्ध हो जाए या उसके विरूद्ध कोई भी आपराधिक मामला दर्ज या लंबित हो, तो उसे ऐसे प्रकरणों
की जानकारी तीन अलग-अलग तिथियों में नामांकन वापसी और मतदान तिथि से 2 दिन पूर्व 12 साइज के फॉन्ट में
अपनी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करवानी होगी। उन्होंने
बताया कि इसी तरह इलेक्ट्रोनिक मीडिया में भी मतदान से 48 घंटे पूर्व तक तीन
बार अलग-अलग तिथियों में यह जानकारी प्रसारित करवानी होगी। उन्होंने बताया कि इसके
अलावा उम्मीदवारों द्वारा प्रकाशित और प्रसारित सूचना को जिला निर्वाचन अधिकारी को
चुनाव व्यय के ब्यौरे के साथ भी प्रस्तुत करना होगा।
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