बुधवार, 1 अगस्त 2018

जनगणना पूर्णतः इलेक्ट्रोनिक पर होगी


                बाड़मेर, 01 अगस्त। आगामी जनगणना पूर्णतः इलेक्ट्रोनिक मोड पर होगी। इस जनगणना में यह विचार भी होगा कि समय, मानव श्रम और धन में कैसे कमी लाई जाए तथा इसके लिए समय-समय पर अॅंाकड़े अपडेट करने होंगे।
                संभागीय आयुक्त ललित कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में भारत की जनगणना-2021‘ से संबंधित संभागीय स्तरीय बैठक बुधवार को जोधपुर कलेक्ट्रेट में आयेाजित की गई। जनगणना निदेशालय राजस्थान के निदेशक ने विस्तार से जनगणना के महत्वपूर्ण कार्य पर विस्तार से जानकारियंा प्रदान की गई। इसमें जिला कलेक्टर जोधपुर, जैसलमेर कलेक्टर ओ पी कसेरा, बाड़मेर सीईओ मदन नेहरा, सिरोही कलेक्टर अनुपमा जोरवाल, पाली कलेक्टर सुधीर कुमार शर्मा, जालौर कलेक्टर बी एल कोठारी, बाड़मेर के अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार उपस्थित थे तथा आवश्यक जानकारियंा प्रस्तुत की।
                संभागीय आयुक्त ने कहा कि जनगणना राष्ट्रीय महत्व का एक वृहद् कार्य है तथा जिसमें प्रत्येक चरण को अत्यधिक सावधानी के साथ समयबद्ध पूरा किया जाना है। इसके तहत विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं तथा प्लानिंग के लिए सूचनाओं की उपलब्धता जरूरी है। जनगणना के कार्य को इसलिए सावधानीपूर्वक, यथार्थपूर्ण तथा योजनाबद्ध रूप से कार्य करें। उन्होंने बल दिया कि जनगणना कार्य में डिजिटाइजेशन पर ज्यादा ध्यान देना होगा। संभाग के सभी अधिकारी मेल से जानकारियंा भेजें।
निदेशक जनगणना एस एस सोहता ने विस्तार से जनगणना कैनवास पर प्रकाश डाला :-
                जनगणना की वास्तविक परिभाषा के भीतर देखें तो जनगणना आंकड़े संग्रहित करने के साथ इससे पंाच वर्षीय योजनाएं संकलित होती है। दूरगामी दृष्टि से जनगणना का महत्व बढ़ जाता है। इसमें ईमानदारी-निष्ठा से संकलन जरूरी है क्योंकि सामाजिक सुरक्षा संबंधी योजनाएं आधारित होगी। इसके माध्यम से 100 से जयादा फील्ड में उपयोगिता होती है। विश्लेषण 100 से ज्यादा स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंगानुपात, पोषण का स्तर एवं फ्लेगशिप योजनाएं से लाभान्वित का भी जनगणना आधार रहेगी।
                उन्होंने बताया कि यह जनगणना अब तक से भिन्न होगी तथा अब स्केनिंग के बाद पूर्णतः इलेक्ट्रोनिक मोड पर होगी। प्रत्येक 3-4 महीने में सभी विश्लेषण करते रहें तथा आगामी 10 साल की प्रतीक्षा नहीं करें। इसके सभी मुख्य स्त्रोत जिला स्तर से राज्य स्तर, रूरल से अरबन, अरबन से मैट्रो, शिक्षा का स्तर, तकनीकी स्तर, विद्यालयों की संख्या, संस्थान की जमीनों की आवश्यकता आदि भूमिकाएं है। उन्होंने बताया कि संासद, नगर पालिका के वार्ड सदस्य आदि भी संाख्यिकी का विश्लेषण होगा।
                उन्होंने बताया कि पिछली जनगणना में 2200 करोड़ खर्च हुए तथा इस बार 5500 से 6,000 करोड़ खर्च होने की संभावना है। इसलिए मानव श्रम, समय और धन में कमी लाने के लिए समय समय पर अंाकड़े अपडेट करना जरूरी रहेगा। इसके तहत लगातार डे टूडे अपडेट किया जाना भी आवश्यक है। नई तहसीलें, गांवों के सृजन व नवीन परिवर्तन भी अपडेट किए जाएं। इन सभी बातों से समय, मानवश्रम और धन में कमी लाई जा सकेगी। उन्होंने जनगणना कार्य में सभी मेडिकल अॅाफिसर की महत्वपूर्ण भूमिका है। मेटरनिटी होम सभी अॅाफिसर के क्षेत्राधिकार में है अतः सी एम एच ओ, ज्वाइंट डाइरेक्टर, पी एम ओ व सभी अस्पतालों के मेडिकल अॅाफिसर रजिस्टर है। यह जरूरी है कि सभी मेडिकल अॅाफिसर हर जन्म व मृत्यु को अनिवार्य रूप से संग्रहित करें।
                निदेशक ने जनगणना में बहुमंजिला इमारतों के संबंध में भी गहराई से विधि सम्मत कार्य करने पर बल दिया। सभी राजस्व अधिकारी, नगर निगम, नगर पालिकाएं व नगर परिषद के अधिकारी बहुमंजिला इमारतों पर विशेष ध्यानप देना होगा। सीमंाकन कार्य, मकान सूचिकरण आदि वास्तविक जनगणना में सुगमपूर्वक ध्यान देना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित जानकारियंा मेल के माध्यम से भेजें। जिला लेवल पर भी अपडेट रहेगा। उन्होंनंे मासिक रिपोर्ट जन्म-मृत्यु पंजीकरण के संबंध में निर्देश दिए कि भारत सरकार चाहती है कि जन्म-मृत्यु की जानकारियों की जिला रजिस्ट्रार आवश्यक रूप से रिपोर्ट करें। उन्होंने बैठक में भारत की जनगणना 2021 के लिए योजना, मुख्य रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु) राजस्थान तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जन्म मृत्यु के अंाकड़ों का विश्लेषण, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर बुकलेट के डाटा डिजिटाईजेशन के कार्य तथा सैम्पल रजिस्ट्रेशन प्रणाली पर विस्तार से जानकारियंा तथा आवश्यक निर्देश प्रदान किए।




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