बाड़मेर, 08 मई। राज्य सरकार ने एक परिपत्र जारी कर आगामी दक्षिण पश्चिमी मानसून के दौरान
किसी भी संभावित अतिवृष्टि, बाढ़ या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जनधन की सुरक्षा के उपाय के लिए संबंधित विभागों
को उचित प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं।
आपदा प्रबन्धन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के शासन सचिव की ओर से जारी किए गए निर्देशांे
के अनुसार मौसम विभाग की ओर से एक स्थाई नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। विभाग की
ओर से मानसून की गतिविधियों की नियमित जानकारी जिला कलक्टर, आपदा प्रबन्धन एवं
सहायता विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी। इसी तरह सिंचाई विभाग की ओर से 15 जून से बाढ़ नियंत्रण
कक्ष स्थापित किया जाएगा। वायरलैस सेटों, नावों, रक्षा पेटियों, रस्सों, मशालों तथा टॉर्च इत्यादि की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है। वर्षा
के दौरान विभाग की ओर से नदियों, नहरों, बांधों, तालाबों पर नियंत्रण भ्रमण कर संकट के विषय में अग्रिम चेतावनी देने का काम भी
किया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ निचले
क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए पम्प सैटों की व्यवस्था के साथ ही स्वच्छ पेयजल की
समुचित व्यवस्था की जाएगी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग उचित मूल्य की दूकानों पर
गेहूं, कैरोसीन, अन्य खाद्य सामग्री के भण्डारण और वितरण की व्यवस्था करेगा। स्थानीय निकाय विभाग
को नियंत्रण कक्ष स्थापित कर शहर की सड़कों की मरम्मत तथा नालों की सफाई व्यवस्था 15 जून से पहले करने
के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जीवन रक्षक
दवाइयों तथा मोबाइल चिकित्सा दल के गठन की व्यवस्था की जाएगी। परिपत्र के अनुसार भारत
संचार निगम तथा डाक एवं तार विभाग द्वारा भी आपात की स्थिति में संचार व्यवस्था अबाधित
रखने की व्यवस्था की जाएगी। इसी प्रकार पुलिस विभाग द्वारा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया
जाएगा। पर्याप्त मात्रा में तैराक, गोताखोरों तथा नावों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त होमगार्ड एवं
आरएसी की प्रशिक्षित व अन्य कम्पनियां तैयार रखी जाएगी। राज्य आपदा प्रतिसाद बल को
आठ कम्पनियों में विभाजित कर समस्त संभाग मुख्यालयों में नियोजित किया गया है। निर्देशांे
के अनुसार डिस्काम विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने, जमीन पर पड़े ट्रांसफार्मरों को डीपी पर रखवाने तथा ढीले तारों
को कसने का काम करेगा। जिला आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ की ओर से सेना एवं वायुसेना के
साथ सामन्जस्य स्थापित कर संभावित खतरे वाले स्थानों का दौरा करने के निर्देश दिए गए
है। पशुपालन विभाग बाढ़ के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयों
की व्यवस्था, चारे-पानी की व्यवस्था तथा मृत पशुओं के सुरक्षित निस्तारण की व्यवस्था करेगा।
निर्देशांे के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने
के साथ पुराने भवनों की पहचान तथा मरम्मत, संभावित खतरों वाले रपट, पुलियाओं पर लोहे की जंजीरों की व्यवस्था की जाएगी।
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