सोमवार, 1 अगस्त 2022

लम्पी स्किन डिजीज से निपटने को पुख्ता प्रबंध

जिला कलेक्टर लोक बंधु ने की विस्तृत समीक्षा

बीमारी के उपचार में धन की कमी नहीं-जैन

पशुपालनकर्मियों के मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी

ब्लॉक स्तरीय नियंत्रण कक्ष सक्रिय, मोबाइल टीमें पहुंची गांवों में

बाड़मेर, 01 अगस्त। जिले में पशुओं में फैली घातक बीमारी लंपी स्किन पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक प्रबधं किए हैं। जिला कलेक्टर लोक बंधु ने सोमवार को इसकी विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान गोसेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन भी मौजूद रहे।

  इस मौके पर जैन ने बताया कि जिले के मवेशियों में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए सरकार सतत प्रयासरत हैं एवं इसके लिए संशाधनों की कमी नहीं आने दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पषुपालन विभाग द्वारा उपचार के लिए पर्याप्त दवाओं की व्यवस्था की जा रही हैं एवं इसमें सरकार धन की कमी नहीं रहने देगी।

    इस दौरान जिला कलेक्टर लोक बंधु ने बताया कि जिले में गोवंश में फैल रहे इस रोग की सतत निगरानी के लिए जिला मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है तथा ब्लॉक मुख्यालयो पर भी कंट्रोल रूम खोले जा रहे हैं। कंट्रोल रूम में बीमारी की सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में पशुचिकित्सा दल भेजे जा रहे हैं।

 जिला कलेक्टर ने पशुओं की इस घातक बीमारी पर नियंत्रण के लिए पशुपालन विभाग को मिशन मोड पर काम करने को कहा है। उन्होंने पशुपालन विभाग के सभी कार्मिको के अवकाश पर प्रतिबंध लगाते हुए उनके मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही उन्होंने सूचना के बावजूद प्रभावित क्षेत्रों में पशुपालन दलों के नही पहुंचने पर सीधे निलंबित करने की चेतावनी दी।

  उन्होंने बताया कि जिले के बायतु, शिव, गडरा एवं गिड़ा ब्लॉक इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित हैं। ऐसे में यहां विशेष प्रबंध किए गए हैं। इनमें पशुपालन के साथ पंचायतीराज एवं राजस्व विभाग के संयुक्त प्रयास किए जाए एवं खुद उपखंड अधिकारी माइक्रो मोनिटरिंग करें एवं प्रभावित गांवों में टीमों को कैंप कराए।

   कलेक्टर बंधु ने कंट्रोल रूम में डिजीज की रोकथाम एवं उपचार के लिए आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। साथ ही आपातकालीन परिस्थितियों में औषधियां क्रय करने के लिए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त बजट रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त मोबाइल टीम भेजी जाए। उन्होंने बीमार पशुओं को अलग रखने एवं मृत पशुओं को भी तुरंत दफनाने को कहा ताकि यह वायरल बीमारी फैले नही। 

 जिला कलेक्टर ने बीमारी के बारे में ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने एवं गोशाला संचालको,

जनप्रतिनिधियों, स्वंय सेवी संस्थाओं एवं पशु पालको से सहभागिता निभाने के अपील की।

   इस मौके पर उपखंड अधिकारी समंदर सिंह भाटी, विकास अधिकारी सुरेश कविया, सुखराम विश्नोई एवं पशुपालन विभाग के उप निदेशक एवं अधिकारी मौजूद थे। वही उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी एवं गोशाला संचालक वीसी से जुड़े रहे।

उल्लेखनीय है कि लम्पी स्किन डिजीज से बचाव के लिए पशु चिकित्सकों द्वारा लक्षण आधारित उपचार किया जा रहा है। साथ ही पशुपालकों को स्वस्थ पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए संक्रमित पशु को एकदम अलग बांधने, बुखार और गांठ आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त पशु चिकित्सक से सम्पर्क कर ईलाज कराने तथा अनावश्यक रूप से पशुओं का आवागमन नहीं कराने की सलाह दी गई है।

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