सोमवार, 10 जनवरी 2022

बालोतरा में ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर पाबंदी

बाड़मेर, 10 जनवरी। कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट लोक बंधु द्वारा राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बालोतरा की नगर परिषद सीमा में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट याचिका सं0 72/1998 के मामले में दिनांक 18 जुलाई, 2005 को दिए गए निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए गए है।

  आदेशानुसार बालोतरा की नगर परिषद सीमा में किसी भी किस्म के ध्वनि विस्तारक यन्त्र जिसमें लाऊड स्पीकर, एम्पलीफायर, ग्रामोफोन आदि सम्मिलित है, से कोलाहल उत्पन्न नहीं किया जावें। यदि ऐसा करता हुआ कोई व्यक्ति या समूह पाया गया तो वह राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम 1963 के अन्तर्गत अपरानी माना जावेगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि सदस्य सचिव राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जयपुर ने अवगत कराया है कि बालोतरा में ध्वनि प्रदूषण स्तर निगरानी स्थान पर मानकों के तहत निर्धारित सीमा से अधिक हो गया है। शहर में उच्च ध्वनि स्तर के कारण मुख्य रूप से दीपावली त्योहार के अवसर पर पटाखे फोड़ना, सामुदायिक शोर और यातायात का शोर है। ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कस्बा बालोतरा में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 18-7-2005 को रिट याचिका सं0 72/1998 के मामले में दिए गए निर्देशों की अनुपालना में विभिन्न ध्वनि उत्पादन प्रणालियों से उत्पन्न शोर को नियंत्रित करने के लिए कानूनों के कार्यान्वयन और ध्वनि प्रदूषण के विशेष सन्दर्भ में गतिविधियों के संबंध में उचित उपाय किया जाना आवश्यक हो गया है। उन्होने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशांें की पालना सुनिश्चित करने को कस्बा बालोतरा की नगर परिषद सीमा में किसी भी किस्म के ध्वनि विस्तारक यन्त्र जिसमें लाऊड स्पीकर, एम्पलीफायर, ग्रामोफोन आदि सम्मिलित है, से कोलाहल उत्पन्न नहीं किया जावें। यदि ऐसा करता हुआ कोई व्यक्ति या समूह पाया गया तो वह राजस्थान कोलाहल नियन्त्रण अधिनियम 1963 के अन्तर्गत अपरानी माना जावेगा।
उन्होने बताया कि विशेष आयोजनों अथवा परिस्थितियों में यदि किसी व्यक्ति को या समूह को ध्वनि विस्तारक यन्त्र को उपयोग में लेने की आवश्यकता हो तो क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्टेªट/ तहसीलदार/नायब तहसीलदार एवं थानाधिकारी से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के पश्चात् ही आदेशित शर्तो के अधीन धीमी गति से उक्त यन्त्रों को उपयोग कर सकेंगे। लेकिन सांय 8 बजे से प्रातः 6 बजे तक की अवधि में किसी व्यक्ति या समूह को ध्वनि विस्तारक यन्त्र के उपयोग की अनुमति प्रदान नहीं की जावेगी। किसी पड़ौसी द्वारा आपत्ति किये जाने पर भी अनुमति उपरान्त ध्वनि विस्तारक यन्त्र का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा व उसे बन्द करवाया जा सकेगा। संबंधित थानाधिकारी माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 18-7-2005 को रिट याचिका सं0 72/1998 के मामले में दिए गए निर्देशों की पालना सुनिश्चित करवायेगे तथा इस आदेश की पालना लाउड स्पीकर दुकानदारों से तामिल करावे कि पूर्व अनुमति के बिना ध्वनि विस्तारक यन्त्र लगाऐगे तो वह जब्त किया जा सकेंगा। यह आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू होकर 31 दिसम्बर, 2022 तक प्रभावशील रहेगा।
उन्होने बताया कि उपखण्ड मजिस्टेªट बालोतरा/तहसीलदार पचपदरा एवं थानाधिकारी बालोतरा को अपने-अपने क्षेत्र में धीमी गति से ध्वनि विस्तारक यन्त्र को उपयोग में लेने की अनुमति जारी करने हेतु अधिकृत किया गया है।
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