सफलता की कहानी
बाड़मेर, 9 अक्टूबर। जिले के अंतिम छोर पर स्थित सिवाना उपखंड के रामपुरा पंचायत मुख्यालय पर शनिवार को प्रशासन गांवो के संग अभियान का आयोजन हुआ, जो वीरेंद्र के लिए वरदान साबित हुआ।
शिविर प्रभारी कुसुमलता चौहान ने बताया कि कई वर्षों पूर्व सड़क हादसे में पिता-माता एंव बहिन की मौत हो गई थी जिनका श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन करवा रखा था लेकिन बेटा विरेन्द्र पिछले दो साल से श्रम विभाग के चक्कर काट रहे था। इस पर वीरेंद्र ने शिविर में परिवाद पेश किया। इस पर शिविर प्रभारी ने श्रम विभाग के अधिकारियों से बात करके हाथो हाथ ढाई लाख की स्वीकृति प्रदान की एवं शेष राशि पंद्रह दिन में स्वीकृत करने का आश्वासन दिया।
ढाई लाख की स्वीकृति जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी के हाथ से वीरेंद्र को प्रदान की गई तो वीरेंद्र के आँखों मे आंसू छलक गए।
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