बाड़मेर, 06 जनवरी। शासन द्वारा राजकीय भवनों एवं समारोहों के शिलान्यास/उद्घाटन कार्यक्रमों में जन प्रतिनिधियों को आवश्यक रूप से आमन्त्रित किये जाने के निर्देश दिए गए है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि शासन द्वारा राजकीय/सार्वजनिक भवनों के शिलान्यास/उद्घाटन कार्यक्रमों एवं अन्य राजकीय समारोह जो आंशिक अथवा पूर्ण रूप से राजकीय धनराशि से आयोजित हो, चाहे वे किसी राजकीय उपक्रम, बोर्ड, निगम या स्वायत्तशासी संस्था के हो, में जन प्रतिनिधियों यथा सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान, नगर निकायों के मेयर/सभापति/अध्यक्ष, ग्राम पंचायत के सरपंच एवं जनप्रतिनिधियों विशेषतः कार्यक्रम स्थल क्षेत्र से संबंधित जन प्रतिनिधिगण को आवश्यक रूप से आमन्त्रित किये जाने के निर्देश दिये गये है। उन्होने बताया कि जन प्रतिनिधियों को राजकीय भवनों के शिलान्यास/उद्घाटन तथा सार्वजनिक समारोह से संबंधित सूचनाएं तीव्रतर संचार माध्यमों से भेजी जाए ताकि वे समय पर उन्हें मिल सकें। उन्होने बताया कि समारोह/कार्यक्रम के दौरान आमन्त्रित जन प्रतिनिधियों को ससम्मान बैठाने की समुचित व्यवस्था की जाए।
जिला कलक्टर ने बताया कि राजकीय भवनों के शिलान्यास/उद्घाटन/लोकार्पण आदि जनप्रतिनिधियों के द्वारा ही सम्पन्न कराए जाए। अधिकारीगण राजकीय भवनों के शिलान्यास/ उद्घाटन/लोकार्पण आदि नहीं करें तथा शिलालेखों पर अपना नाम अंकित नहीं करवायें। उन्होने बताया कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत होने वाले विभिन्न निर्माण कार्यो/भवनों एवं बस्तियों अथवा राज्य सहायता से निर्मित विभिन्न परियोजनाओं के नाम भी अधिकारियों के नाम द्वारा सम्बोधित नही किये जावें। उन्होने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न अभियानों, विभिन्न जन सुनवाई कार्यक्रमों एवं राजकीय समारोहों में अधिकारीगण साफा/माला नहीं पहनें।
जिला कलक्टर ने समस्त राजकीय विभागों/राजकीय उपक्रमों/बोर्डो/निगमों/स्वायत् तशासी संस्थाओं आदि में पदस्थापित समस्त अधिकारियों को उक्त दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। उन्होने बताया कि उक्त दिशा निर्देश की अवहेलना को राजस्थान सिविल सेवाएं (आचरण) नियम 1971 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जायेगा तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
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