नया पाठ्यक्रम एमबीबीएस के छात्रों के लिए कुशल चिकित्सक बनाने में मददगार साबित होगा
बाड़मेर, 21 अक्टूबर। राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय बाड़मेर में सोमवार एवं मंगलवार को महाविद्यालय के चिकित्सक शिक्षकों के लिए सी.आई.एस.पी.-द्वितीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण एम.सी.आई. द्वारा लागू किये गए नए कॉम्पीटेंसी बेस्ड पाठ्यक्रम के लिए चिकित्सक शिक्षकों को आवश्यक प्रशिक्षण देने हेतु आयोजित कराया गया। जिसमें विभिन्न संकायों के 29 चिकित्सक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ आर के आसेरी ने बताया कि राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, बाड़मेर में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष प्रारंभ होने के मद्देनजर यह प्रशिक्षण अति आवश्यक था। उन्होने बताया कि कार्यक्रम की ऑनलाइन मॉनिटरिंग प्रमुखस्वामी मेडिकल कॉलेज, करमसाद ने की जोकि राजस्थान के अधिकांश चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए नोडल सेंटर है। पूरा कार्यक्रम नियमानुसार सोशल डिस्टेनसिंग की पालना करते हुए किया गया।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. आर. के. आसेरी ने सम्मिलित हुए चिकित्सक शिक्षकों को एम. सी. आई. द्वारा जारी किए गए नए काँपीटेंसी बेस्ड पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा डॉ पुष्पावती जैन (आचार्य, फार्माकोलॉजी), डॉ प्रकाश हुन्डेकर (आचार्य, बायोकेमिस्ट्री), डॉ भूपेंद्र पटेल (प्रभारी, शैक्षणिक शाखा), डॉ दिनेश परमार (सह आचार्य मेडिसिन), डॉ कमला वर्मा (सह आचार्य, प्रसूति विज्ञान), डॉ गिरीश चंद्र (सहायक आचार्य, मनोरोग), डॉ मोतीलाल खत्री (सहायक आचार्य, माइक्रोबायोलॉजी), डॉ दीपक तंवर (सहायक आचार्य, पी एस एम), डॉ मदन सोलंकी (सहायक आचार्य, पैथोलॉजी) ने भी चिकित्सक शिक्षकों को इस नए पाठ्यक्रम की बारीकियों के बारे में बताया। वर्ष 2019 से एमबीबीएस के छात्रों को इस नए पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाया जा रहा है। यह नया पाठ्यक्रम एमबीबीएस के छात्रों को भविष्य में कुशल चिकित्सक बनाने में मददगार साबित होगा।
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