सोमवार, 10 फ़रवरी 2020

किसानों की फसल खराबे का मुआवजा एनडीआरएफ-एसडीआरएफ नियमों के अनुसार -राजस्व मंत्री

बाड़मेर, 10 फरवरी। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि पाली जिले की रोहट तहसील में प्राकृतिक कारणों से हुए फसल खराबे का मुआवजा एनडीआरएफ-एसडीआरएफ नियमों के अनुसार सभी किसानों को दिया जाएगा।  
चौधरी प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायक ज्ञान चन्द पारख की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि आदान का मुआवजा देने के लिए पटवारी से लेकर राज्य सरकार के स्तर तक प्रक्रिया पूरी करनी होती है और इसे डीएमआईएस पोर्टल पर भी अपलोड करना होता है। इसमें समय अधिक लग रहा है जिसे कम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 की तुलना में बाद के वर्षों में समय कम लग रहा है। वर्ष 2016-17 तक यह कार्य ऑफलाइन किया जाता था। इसके बाद इसे ऑनलाइन किया जा रहा है। इसे ऑफ लाइन से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने की प्रक्रिया की वजह से भी समय लगा है।  उन्होंने बताया कि जिन किसानों के जरूरी दस्तावेज पहले से जमा हैं उनका पुनःसत्यापन कराया जा रहा है। यह कार्य पूरा होते ही कृषि आदान मुआवजा सीधा उनके खाते में डाल दिया जाएगा।
इससे पहले विधायक पारख के मूल प्रश्न के जवाब में चौधरी ने पाली जिले की रोहट तहसील के पटवार सर्कलवार-गांववार वर्ष 2019 में कृषि जिन्स का प्राकृतिक कारणों से नुकसान का विवरण, गिरदावर क्षेत्रवार गिरदावरी रिपोर्ट एवं फसल कटाई रिपोर्ट का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि रोहट तहसील में प्राकृतिक कारणों (बाढ़) से हुए फसल खराबे पर 80 गांवों के 15 हजार 662 लघु एवं सीमान्त काश्ताकारों के लिए 22 करोड़ 78 लाख 48 हजार रुपए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के नियमों के अनुसार विभागीय डीएमआईएस पोर्टल द्वारा दी जानी है। इस पोर्टल पर तहसील रोहट के 11 हजार 39 प्रभावित काश्तकारों का डाटा अपलोड किया जा चुका है। प्रभावित काश्तकारों को कृषि आदान अनुदान सहायता देने के लिए पाली जिले को 13 करोड़ 73 लाख 35 हजार 163 रुपए का आवंटन कर दिया गया है जिनके कृषि आदान अनुदान के वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राजस्व मंत्री ने खराबे के विरूद्ध दिये जाने वाले अनुदान के लिए प्रभावित काश्तकारों द्वारा जमाबन्दी, खातेदार का बैंक खाता संख्या, बैंक शाखा का आईएफएससी कोड, आधार कार्ड, काश्तकार का वर्ग इत्यादि उपलब्ध करवाने पर डाटा डीएमआईएस पोर्टल पर इन्द्राज किया जाता है। पोर्टल पर जिलों द्वारा ऑनलाइन बजट की मांग करने पर बजट उपलब्धता अनुसार जिलों को कृषि आदान अनुदान आंवटित किया जाता है। उन्होंने बताया कि बजट प्राप्त होते ही प्रभावित काश्तकारों को अनुदान वितरण पोर्टल के माध्यम से कर दिया जाता है।
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