मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल ने लिया टिड्डी हमले से ख़राबे का जायजा


ग्रामीणों ने केंद्रीय दल को टिड्डी से हुए नुकसान से अवगत कराया

बाड़मेर, 18 फरवरी। अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल ने मंगलवार को बाड़मेर जिले के विभिन्न गांवों का दौरा कर टिड्डी हमले से फसल ख़राबे का जायजा लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने टिड्डी से हुए नुकसान से अवगत कराया। उन्होंने केंद्रीय दल से अधिकाधिक राहत दिलाने का अनुरोध किया।
   अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल में शामिल पौध संरक्षण निदेशालय के सयुक्त निदेशक डॉ जे पी सिंह, एफसीआई के डीजीएम अनिल ढिल्लन, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त मोतीराम ने मंगलवार को  धोरीमन्ना तथा सेड़वा क्षेत्रो में टिड्डी हमले की स्थिति का जायजा लिया। केंद्रीय दल ने ग्रामीणों से व्यक्तिशः रूबरू होकर टिड्डी हमले से उत्पन्न स्थिति विशेषकर फसल ख़राबे का आंकलन किया तथा इससे निपटने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की जानकारी ली। ग्रामीणों ने विस्तार से टिड्डी हमले की समस्या से अवगत कराया। ग्रामीणों ने केंद्रीय दल से प्रति हैक्टेयर मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देय प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि से कहीं अधिक बुआई की लागत आ जाती है। किसानों ने बताया कि सरकार द्वारा दो हैक्टेयर तक मुआवजा दिया जाता है जबकि बाड़मेर जिले में जोत का आकार बड़ा हें। इसलिए केंद्र सरकार मुआवजा राशि के मानक बदले।
       धोरीमन्ना के कोजा पंचायत के बोला का डेर में किसान हनुमान राम ने बताया कि मकर सक्रांति के दिन सूरज के उत्तरायण में  आते ही उन पर टिडडी ने कहर बरपाया। एक माह पुरानी जीरे की फसल चट कर टिडडी उड़ गई। कुल 17 बीघा में फसल बर्बाद होने से हनुमान का पूरा परिवार सदमे में है। वही बोला का ढेर में ही महिला काश्तकार पीपों देवी ने केंद्रीय दल को बताया कि उसके 20 बीघा के खेत पर टिड्डी आठ दिन तक हमला करती रही एवं स्प्रे का कोई असर नही हुआ क्योंकि स्प्रे से टिड्डी मरती नही बल्कि उड़ती और लौट कर पुनः आ जाती। कुछ इसी प्रकार की व्यथा भलीसर के काश्तकार तुलछा राम तथा राणासर के मोटाराम ने भी केंद्रीय दल को कही तो सेड़वा के सदराम की बेरी के सुखराम भी टिड्डी हमले से दुःखी थे। यही पर भैरा राम ने  भी टिड्डी से भयंकर पीड़ा की दास्तान केंद्रीय दल को सुनाई।
     राणासर में केंद्रीय अध्ययन दल की तरफ से डॉ. जे पी सिंह ने किसानों से इस प्राकृतिक आपदा के प्रति पूरी सहानुभूति जताते हुए कहा कि वो केंद्र सरकार से अपनी विस्तृत रिपोर्ट में सभी पहलुओं को ब्यौरा देंगे। सेड़वा में पूर्व प्रधान गफूर अहमद ने टिड्डी हमले से हुए नुकसान से अवगत कराया। किसानों ने बताया कि कई खेतों में टिड्डी हमला एक से अधिक बार हुआ। एक बार फसल चौपट हो जाने के बाद टिड्डी पीछे से दुबारा आ गई। खेतो में टिड्डो से जीरे की फसल को सर्वाधिक नुकसान पँहुचा । वही इसबगोल एवं अरण्डी भी टिड्डी हमले से साबुत नही रही तो गेंहू पर भी असर आया। किसानों ने तात्कालिक सहायता के रूप में बिजली के बिल माफ़ करने की मांग की।
          भृमण के दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश कुमार शर्मा, उपखण्ड अधिकारी कुसुम लता चौहान, विरमाराम एवं कृषि विभाग के सयुंक्त निदेशक वी आर सोंलकी, उपनिदेशक जीवणा राम भाखऱ, किशोरीलाल वर्मा समेत कृषि  एवं राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद थे।















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