मंगलवार, 11 जून 2019

खरीफ मंे उन्नत तकनीक के उपयोग के विविध पहलूआंे से रूबरू कराया


बाड़मेर, 11 जून। फसल की उत्पादकता को बढ़ाकर किसानों की आय में वद्धि करना एक आवश्यक एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है। कृषि उत्पादन में बढोतरी हुई है, लेकिन इस दिशा मंे काफी काम करने की जरूरत है। कृषि विज्ञान केन्द्र के उद्यानिकी विशेषज्ञ बुद्वाराम मोरवाल ने मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से धारासर गांव मंे आयोजित खरीफ किसान गोष्ठी के दौरान यह बात कही। कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से 25 मई से विभिन्न गांवांे मंे खरीफ किसान गोष्ठी कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

इस दौरान उद्यानिकी विशेषज्ञ मोरवाल ने विभिन खरीफ फसलों के उन्नत बीजों के किस्मों की विशेषताआंे के बारे मंे विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि किसानांे को कम बारिश एवं कम समय में पकने वाले किस्मों का चयन करना चाहिए। वैज्ञानिकों की ओर बताई गई उन्नत कृषि तकनीक को अपनाने के साथ समय रहते मानसून पूर्व बीज की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्हांेने कहा कि किसानांे को स्वयं की ओर से उत्पादित फसल में से स्वस्थ पौधों का चयन कर घरेलू बीज तैयार करना चाहिए। ताकि समय रहते बीज की उपलब्धता एवं बाजार में लीज पर होने वाले महंगे खर्च से बचा जा सके। मोरवाल ने उद्यानिकी फसलों एवं सब्जी उत्पादन की जरूरत जताते हुए देशी बेर में कलिकायन के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। केन्द्र के पशुपालन विशेषज्ञ भैरूलाल डांगी ने गर्मी एवं बारिश के मौसम में पशुओं की देखभाल की जानकारी देते हुए कहा कि पशुओं का समय पर टीकाकरण एवं डीफर्मिग करवाए, ताकि पशुओं को अकाल मौत से बचाया जा सकें। उन्हांेने कहा कि खेत में चारा उत्पादन किया जाए, ताकि पशुओं में पोषक तत्वों की भी कमी नहीं हों। कार्यक्रम सहायक सुनील कुमार ने बताया कि धारासर गांव मंे आयोजित खरीफ किसान गोष्ठी मंे आसपास के गांवों के 45 किसानों ने भाग लिया।

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