बाड़मेर,
09 अप्रैल। प्रदेश भर में आगामी 7 मई
को अक्षय तृतीया एवं 18 मई को पीपल पूर्णिमा पर्व पर संभावित बाल
विवाह को रोकने के लिए राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश
दिए हैं। साथ ही बाल विवाह करने वालों के विरुद्ध बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत
प्रभावी कार्यवाही करने के आदेश दिए गए है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप ने बाल
विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर के कार्यालयों के
कर्मचारियों तथा अधिकारियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों का
व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों एवं
अधिकारियों को आमजन को जानकारी देकर उनमें जन जागृति उत्पन्न करने एवं दोनों
पर्वों पर बाल विवाह रोकने के लिए कहा है। उन्हांेने बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम
के लिए जिला ब्लाक एवं जिला स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला
समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय करने तथा ऐसे
व्यक्ति एवं समुदाय जो विवाह संपन्न कराने में सहयोगियांे हलवाई, बैंड
बाजा संचालक, पंडित, बारातियांे,
पंडाल एवं टेन्ट लगाने वाले, ट्रांसपोर्ट
वगैरह से बाल विवाह में सहयोग नहीं करने का आश्वासन लेने एवं उन्हें कानून की
जानकारी देने को कार्य योजना में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा
निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ चेतना बैठकों के आयोजन, ग्राम
सभाओं में सामूहिक रूप से बाल विवाह के दुष्प्रभावों की चर्चा करने एवं रोकथाम की
कार्यवाही, किशोरियों,
महिला समूहों, स्वयं
सहायता समूहों एवं विभिन्न विभागों के कार्यकर्ताओं में स्वास्थ्य, वन, कृषि, समाज
कल्याण, प्राथमिक शिक्षा विभागों के साथ समन्वय स्थापित
कर बैठक आयोजित करने, विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में
वर-वधू की जन्म तारीख मुद्रित करने जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं को कार्य योजना में
शामिल करने के निर्देश दिए गए है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने समस्त जिला कलक्टर्स एवं
पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वे इन दोनों पर्वों पर अपने-अपने क्षेत्र
में बाल विवाह रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा इस तरह की सूचना
प्राप्त होने पर वे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही अमल में लाए।
निर्देशांे के अनुसार सभी जिला कलक्टर्स अक्षय तृतीया से एक माह पूर्व जिला कलक्टर, पुलिस
अधीक्षक एवं उपखंड कार्यालय में 24 घंटे क्रियाशील कंट्रोल रूम स्थापित करना
सुनिश्चित करेंगे। उन्होेंने बाल विवाहों के आयोजन करने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध
अधिनियम, 2006 की धारा- 6 की धारा 16 के तहत नियुक्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों
को अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
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