बाड़मेर,
14 मार्च। जिला कलक्टर एवं जिला निर्वाचन
अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होने के
साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के
तहत् राजकीय अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रावधानों का शक्ति से पालना सुनिश्चित
करने के निर्देश दिए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने बताया
कि कोई भी राजकीय कर्मचारी ना तो किसी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों जैसे रैली,सभा
या चुनाव प्रचार में भाग ले सकेगा और ना ही किसी उम्मीदवार, पार्टी
के चुनाव, मतदान,गणना अभिकर्ता
के रूप में कार्य कर सकेगा। उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को अपने
कार्यालय एवं विभाग में उक्त निर्देशों की पालना करने के लिए पाबन्द किया है। जिला
कलक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने लोकसभा चुनाव के दौरान जिले में स्थित
राजकीय विभागों, उपक्रमों के विश्राम भवनों, अतिथि
गृह, डाक बंगलों आदि में मंत्रीगण एवं राजनीतिक
व्यक्तियों के रूकने के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस की पूर्ण पालना
सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए सम्बन्धित विभागों एवं
उपक्रमों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए है। जिला निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने
एक आदेश जारी कर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अनुपालना तथा आर्म्स एक्ट 1959 के
अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बाड़मेर जिले के क्षेत्राधिकार में
आने वाले समस्त शस्त्र अनुज्ञापत्रधारियों को अपने अनुज्ञापत्र में दर्ज शस्त्र को
तुरंत प्रभाव से संबंधित, निकटतम पुलिस थाने के शस्त्रागार में जमा कराने
के लिए पाबन्द किया है। यह आदेश कानून व्यवस्था से जुड़े केन्द्र एवं राज्य सरकार
कार्मिकांे तथा शस्त्र अनुज्ञापत्रधारी सुरक्षाकर्मी बैंक, जीवन
बीमा निगम इत्यादि पर लागू नहीं होगा। शस्त्र अनुज्ञापत्रधारी चुनाव परिणाम घोषित
होने के सात दिवस बाद अपना शस्त्र संबंधित थाने से प्राप्त कर सकेंगे। शस्त्र जमा
नहीं कराने की स्थिति में शस्त्र अनुज्ञापत्रधारी के विरूद्ध धारा 188
भारतीय दंड संहिता एवं आर्म्स एक्ट 1959 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी। जिला
निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने संबंधित थानाधिकारियांे को निर्देश दिए हैं कि
यदि किसी अनुज्ञाधारी को वास्तव में अपनी जान माल का खतरा है तथा वह शस्त्र जमा
कराने की छूट चाहता है तो उस अनुज्ञाधारी द्वारा व्यक्त कारणों की गहनता से जांच
कर अपनी स्पष्ट अनुशंषा के साथ प्रकरण स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष रखें।
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