बुधवार, 3 अक्तूबर 2018

निगरानी दल पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कार्य करें : नकाते


विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न निगरानी दलांे के कार्मिकांे को दिया प्रशिक्षण

                बाड़मेर, 03 अक्टूबर। विधानसभा चुनाव के दौरान निगरानी दल पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। ताकि आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित हो सके। जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने बुधवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेस हाल मंे निगरानी दलांे के प्रशिक्षण के दौरान यह बात कही।
                जिला निर्वाचन अधिकारी शिवप्रसाद मदन नकाते ने कहा कि विधानसभा चुनाव-2018 के दौरान निर्वाचन आयोग हर गतिविधि पर नजर रखेगा। इसके लिए फ्लाइंग स्क्वाड, स्टेटिक सर्विलांस टीम तथा वीडियो विविंग टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा सी विजिल एप्प बनाया गया है। इसके माध्यम से की जाने वाली शिकायतांे पर 100 घंटे की अवधि मंे कार्रवाई किया जाना आवश्यक होगा। उन्हांेने कहा कि उड़नदस्ते आचार संहिता की पालना करवाने के लिए नियमित रूप से अवैध शराब, नकद राशि एवं अन्य अवैधानिक सामग्री की जब्ती की कार्यवाही करें। उन्हांेने चुनावी खर्चों के विवरण एवं आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना के लिए सतर्कता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वरलाल मेघवाल उपस्थित रहे। उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए खर्च निगरानी कमेटी के साथ सहायक खर्चा निगरानी, फ्लाइंग स्क्वायड एवं स्टेटिक सर्विलेंस टीमें, वीडियो सर्विलेंस टीमें, वीडियो व्यूइंग टीमें, मीडिया सर्टीफिकेशन, मोनेटरिंग कमेटी, एकाउंटिंग टीम, आमदनी कर विभाग एवं शराब मोनेटरिंग टीम बनाई गई है। उन्हांेने कहा कि खर्च निगरानी कमेटी का वास्तविक कार्य उम्मीदवार की नामजदगी पत्र भरने से शुरू होगा। उन्हांेने बताया कि यदि कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी अन्य व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकारों का प्रयोग करने को उत्प्रेरित करने के उद्देश्य से नकदी अथवा वस्तु रूप में कोई परितोष देता है तो उसे आईपीसी की धारा 171 ख के तहत एक वर्ष का कारावास अथवा जुर्माना या दोनों सजाएं भुगतनी होंगी। प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स मुकेश पचौरी ने बताया कि राजनीतिक दलांे, उम्मीदवारांे की ओर से चुनाव प्रचार पर किए जा रहे व्यय एवं आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों, शिकायतों एवं सूचनाओं पर तुरंत एवं प्रभावी कार्रवाई किस तरह से की जानी है। उन्हांेने बताया कि वीडियो निगरानी दल राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों की ओर से किए गए व्यय , रैलियों एवं सभा, बैठकों पर व्यय का वीडियोग्राफी से अवलोकन करेंगे। उन्हांेने बताया कि पेड न्यूज की जांच करने तथा राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों की ओर पिं्रट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया पर विज्ञापन देने की अनुमति प्रदान करने के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एवं निगरानी समिति की कार्रवाई सदस्य सचिव जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी की देखरेख में अमल में लाई जाएगी। राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों द्वारा रैली एवं जनसभा आयोजित करने के अलावा बैनर, पोस्टर तथा होर्डिंग लगाने के लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित किए जाएंगे। हैंड बिल तथा बंटने वाली प्रचार सामग्री पर प्रकाशक का नाम, पता, मोबाइल व दूरभाष नंबर तथा प्रकाशित की गई प्रतियों की संख्या का उल्लेख करना होगा। बैठक के दौरान जिला कोषाधिकारी दिनेश बारहठ, जिला आबकारी अधिकारी देवेन्द्र दशोरा समेत विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।]




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