गुरुवार, 25 जनवरी 2018

कृषि की उन्नत तकनीक से मिला स्थाई रोजगार : अग्रवाल

किसानांे को कृषि विशेषज्ञांे ने बेर कटिंग के बारे मंे प्रशिक्षण दिया

                बाड़मेर, 25 जनवरी। कृषि की उन्नत तकनीक अपनाकर स्थाई आजीविका जुटाने का प्रयास सराहनीय है। बाड़मेर मंे आमतौर पर खेती बारिश पर निर्भर है। ऐसे मंे बूंद-बूंद सिंचाई को अपनाते हुए जल संरक्षण के साथ फलोत्पादन से सैकड़ांे ग्रामीणांे को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हुआ है। केयर्न आयल एंड गैस के सीएसआर हेड अखिल अग्रवाल ने काउखेड़ा मंे बाड़मेर उन्नति परियोजना के तहत आयोजित कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।

                इस दौरान अखिल अग्रवाल ने कहा कि फलोत्पादन से स्थाई रोजगार मिलने के साथ ग्रामीणांे को पशुआंे के लिए चारा एवं ईंधन भी उपलब्ध हो रहा है। उन्हांेने वाडी परियोजना के प्रति दिखाए गए उत्साह को लेकर ग्रामीणांे का आभार जताया। इस दौरान केयर्न आयल एंड गैस के डा.यू.वी.द्विवेदी, सी.पी.सिंह राजावत, डा.भानूप्रतापसिंह, भुवनेश पाठक, बायफ के मनीष दूबे समेत विभिन्न विशेषज्ञांे ने बाबूलाल के खेत मंे आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान किसानांे को उन्नत खेती के विभिन्न तौर तरीकांे के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान महात्मा गांधी नरेगा योजना, कलमी बेर, कलमी खेजड़ी के बारे मंे विस्तार से जानकारी दी गई। इसी तरह केयर्न आयल एंड गैस एवं धारा संस्थान की ओर से नंद घर के बच्चांे को रावजी की ढाणी एवं सरूपोणियो मालियों की ढाणी मंे वाड़ी परियोजना के तहत तैयार बेर के पौधांे का अवलोकन कराया गया। साथ ही बच्चांे को बेर के फल खिलाए गए।





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