बाड़मेर, 07 नवंबर। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर संस्थित वाणिज्यिक विवादों में आदेशिक
शुल्क से सम्बन्धित नियमों में संशोधन होने तक,
उपर्युक्त विवादों से सम्बन्धित वाद, आवेदन पत्र एवं अपील
प्रस्तुति के समय न्यायालय शुल्क के साथ ही एक मुश्त आदेशिका शुल्क की गणना की जाकर
ई-स्टाम्प के साथ एक ही ई-प्रक्रिया के जरिए भुगतान किया जा सकेगा। आदेश के अनुसार
अगर न्यायालय विचारण समाप्त होने पर आदेशिका शुल्क का उपयोग नहीं होता है तो संबंधित
पक्षकार के निवेदन पर इस शुल्क का प्रतिदाय प्रमाण-पत्र (रिफन्ड सर्टिफिकेट) जारी किया
जाएगा।
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