बाड़मेर, 13 सितंबर। पानी की बूंद-बूंद बचाकर खेती को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकार ने
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत कृषि सिंचाई योजना शुरू की है। इस योजना का
संचालन जलग्रहण विकास एवं प्रबंधन विभाग के माध्यम से किया जाएगा। इसके तहत किसानों
को वाटर प्रबंधन, हाईब्रिड किस्मों का बीज खेत की मेड़बंदी तक का खर्चा दिया जाएगा। एक किसान इन कार्यों
के लिए अधिकतम तीन लाख रुपए तक की मदद ले सकेगा।
जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने बताया कि किसानांे को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई
योजना के तहत अपने खेत मंे टांका, तलाई, मेड़बंदी, फलदार जैविक खेती आदि कार्यों के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। एक हैक्टेयर में
फलदार खेती, फसलों के बीज आदि के लिए अधिकतम 30 हजार एवं बारिश के पानी के प्रबंधन के लिए तीन लाख तक की सहायता का प्रावधान किया
गया है। उनके मुताबिक स्वीकृत राशि में किसान को 5 से 10 फीसदी तक हिस्सा राशि जमा करानी होगी। एससी-एसटी के किसान को पांच प्रतिशत सामान्य
श्रेणी के किसान को 10 फीसदी हिस्सा राशि जमा करानी होगी। योजना के अनुसार, स्कीम में प्रत्येक
ब्लॉक 225 लाख रुपए का बजट जारी किया जाएगा। गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक ब्लॉक में किसानों
को मांग के अनुसार सिंचाई में पानी बचाने की इकाई स्थापित करने एवं अन्य कार्यों के
लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए ब्लॉक क्षेत्र में आवंटित बजट कम पड़ने पर कृषि
विभाग की ओर से संचालित अन्य योजना अथवा मनरेगा में बजट स्वीकृत किया जाएगा।
सरपंच को करना होगा आवेदन : प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत चयन के लिए सरपंच की अध्यक्षता में ग्राम
पंचायत स्तर पर 10 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। किसान को कमेटी अध्यक्ष को आवेदन करना होगा।
कमेटी की मीटिंग में किसान के आवेदन पर चर्चा की जाएगी। इसके आधार पर वाटर सैड विभाग
के जेईएन के द्वारा प्रोजेक्ट तैयार कर बजट आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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