अतिवृष्टि के दौरान
गिरे मकानांे की फोटोग्राफी के साथ मिलेगी 95 हजार की सहायता
बाड़मेर, 13 अगस्त। बाड़मेर जिला प्रशासन की ओर से राहत प्रबंधन के लिए 21 करोड़ के प्रस्ताव
प्राप्त हुए थे, इसमंे से 16 करोड़ के प्रस्तावांे को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। प्रदेश मंे पहली बार 48 घंटे तक मकान पानी
मंे रहने पर प्रभावित परिवारांे को 3800 रूपए की सहायता दी जा रही है। इसके अलावा जिनके मकान गिर गए है उनकी फोटोग्राफी
करवाने के साथ 95 हजार रूपए की सहायता प्रदान की जा रही है। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गुलाबचंद
कटारिया ने रविवार को बालोतरा मंे पत्रकारांे से बातचीत के दौरान यह बात कही।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि 22 से 31 जुलाई के मध्य बाढ़
के प्रकोप के दौरान राज्य सरकार की ओर से प्रभावित इलाकांे की नियमित रूप से मोनेटरिंग
की जा रही है। प्रभारी मंत्री के साथ अन्य जन प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी आमजन
को राहत पहुंचाने मंे जुटे हुए है। बाड़मेर जिले मंे प्रभावित लोगांे को राहत प्रदान
करने के लिए 2 करोड़ 9 लाख रूपए स्वीकृत किए गए। इसमंे से अब तक 1 करोड़ 64 लाख रूपए व्यय हो चुके है। आपदा की स्थिति से निपटने के लिए संबंधित जिलांे मंे
एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीमंे भेजने के साथ हेलीकाप्टर भी तैयार रखे गए। पहली बार सेना
को भी अलर्ट किया गया। उन्हांेने कहा कि मौसमी बीमारियां फैलने की आशंका के मददेनजर
चिकित्सा विभाग के अधिकारियांे को रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए
गए है। बाड़मेर जिले के प्रभावित इलाकांे मंे 10 हजार मच्छरदानियां वितरण की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी
संगठनांे का सहयोग भी लिया जाएगा। इसके अलावा 19 प्रकरण दो लाख की अतिरिक्त सहायता दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय मंे भेजे
गए है। उन्हांेने कहा कि राहत प्रबंधन के लिए किसी भी प्रकार के बजट की कमी नहीं है।
उन्हांेने बाढ़ की स्थिति के दौरान सहयोग करने वाले जन प्रतिनिधियांे, अधिकारियांे, कार्मिकांे एवं स्वयंसेवी
संगठनांे का आभार जताया। उन्हांेने बताया कि बेहतरीन कार्य करने वाले कार्मिकांे एवं
आमजन को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए है। इनको राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया
जाएगा।
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