सोमवार, 30 जनवरी 2023

‘‘गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी है’’ पर विचार संगोष्ठी का हुआ आयोजन

बाड़मेर, 30 जनवरी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की 75वीं पुण्यतिथि के अवसर पर ‘‘महात्मा गांधी अतीत ही नहीं भविष्य भी है’’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन जिला कलेक्टेªट सभागार में किया गया।

इस अवसर पर गांधीवादी विचारक, लेखक धनराज जोशी ने बताया कि महात्मा गांधी एक युग पुरूष थे जिन्होंने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त की। इनका संदेश कभी अतीत नहीं हो सकता वो तो केवल भविष्य है। हमें महात्मा गांधी द्वारा बताये गये सिद्धांतों पर चलना चाहिए। गांधीजी के सभी  सिद्धांतों में सत्य व अहिंसा का संदेश है जिसे हम भुल गये है। आज हम गांधी शिक्षा के विपरीत कार्य कर रहे है। आज के आन्दोलन, हड़ताले हिंसात्मक हो गई है जिसे हम गांधीवादी विचारधारा से समाप्त कर सकते है।
इस दौरान राजकीय बालिका महाविद्यालय के सहायक प्राचार्य जितेन्द्र बोहरा ने बताया कि गांधीजी की मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को हो गई थी लेकिन गांधी के विचार आज भी जीवन्त है। हम आजाद हुए लेकिन हम आज भी मानसिक रूप से आजाद नहीं हो पाए। गांधी जी ने हमें एक शिक्षाविद और एक नेता का रूप मिलता है। गांधीजी ने बैसिक शिक्षा पर बल दिया जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल किया गया। जो महात्मा गांधी के प्रासंगिकता को दर्शाता है। इसी क्रम में लेखक महावीर ने बताया गांधी विचारधारा की मांग वर्तमान में भी है जिससे प्रेरित होकर जनकल्याण के कार्यो को सम्पन्न किया जा सकता है। गांधी दर्शन में पुरा भारत शामिल है, हमें गांधी के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। इस क्रम राजकीय महाविद्यालय के सहायक प्राचार्य गणपतसिंह ने आज के समय में सत्य व अंहिसा की महत्ता हो बताते हुए गांधीजी के विचारों और सिद्धांतों को धरातल पर उतारने की बात कही।
इस अवसर पर लेखक एवं कवि नरसिग जीनगर ने महात्मा गांधी को मानवता की पीड़ मिटाने वाला बताया। गांधीजी सादा जीवन उच्च विचार के साथ शुद्ध व्यवहार को लेकर आगे बढे तथा सत्य व अंहिसा का पाठ पढाया। हमें गांधी के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है लेकिन आज की व्यवस्था के कारण विचारों को ग्रहण करने में कठिनाई महसुस होती है। गांधीजी की विचारधारा अंधेरे में रोशनी के समान है।
इस दौरान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप निदेशक श्रवण चौधरी ने गांधीजी को याद करते हुए उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में शामिल करने की बात कही। राजकीय बालिका महाविद्यालय के सह प्राचार्य मुकेश पचौरी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि महात्मा गांधी एक व्यापक सोच है। उन्होंने अपने जीवन के विचारों को मोतियों की तरह सहेज कर विचारधारा और सिद्धांत के रूप में जनकल्याण हेतु प्रस्तुत किये।
इस कार्यक्रम के दौरान सूचना एंव प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक निदेशक मोहनसिंह चौधरी, हस्तीमल राठौड़ समेत प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हुए।
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