गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022

अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल पहुंचा धरातल पर

ग्रामीणों ने बताई चारे-पानी तथा रोजगार की समस्या

बाड़मेर, 17 फरवरी। अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल ने गुरुवार को बाड़मेर जिले के विभिन्न गांवों का दौरा कर सूखे की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने चारे एवं पानी की दिक्कत के साथ रोजगार की समस्या से अवगत कराया। उन्होंने केंद्रीय दल से अधिकाधिक राहत दिलाने का अनुरोध किया।
भारत सरकार के अंतर मंत्रालयिक दल में शामिल केंद्रीय जल आयोग के निदेशक एच एस सेंगर तथा नीति आयोग के सहायक निदेशक शिव चरण मीणा ने गुरुवार को चौहटन, घोनिया, जैसार, रामसर, हाथमा, भादरेश, निम्बानियो की ढाणी, माधसर, आकड़ली एवं भांडियावास गांवों में सूखे की स्थिति का जायजा लिया।
  सर्वप्रथम केद्रीय अध्ययन दल एवं जिला कलक्टर लोक बंधु ने पंचायत समिति सभागार चौहटन में जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के साथ बैठक कर सूखे से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान चौहटन प्रधान रूपाराम ने क्षेत्र में पानी, चारे इत्यादि की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होने जिन गरिब किसानों के किसान कार्ड नहीं है, उन्हें भी अनुदान की राशि दिलाने की बात कही। तत्पश्चात केन्द्रीय अध्ययन दल ने घोनिया एवं जैसार में किसानों से रूबरू होकर उनकी बात सुनी।
  इस दौरान जेसार में ग्रामीण कलाराम ने बताया कि उसने 29 बीघा जमीन में खरीफ की फसल बोई थी, जो समय पर पानी नही बरसने से बर्बाद हो गई। वही घोनिया में कृषक उम्मेद सिंह ने चारे एवं पानी की दिक्कत के साथ रोजगार की समस्या से अवगत कराया।
  इसके पश्चात केन्द्रीय अध्ययन दल ने फिल्ड निरीक्षण कर सूखे की स्थिति का जायजा लिया एवं प्रस्ताव भिजवाने की बात कही। केन्द्रीय दल ने रामसर पंचायत समिति में जन प्रतिनिधियों एवं सूखे से प्रभावित किसानों के साथ बैठक लेकर हालातों का जायजा लिया। यहां ग्रामीणों नेे केन्द्रीय दल का स्वागत किया। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने पशुधन के पालन में आ रही समस्याओं, चारे की कमी, पेयजल समस्या सहित सूखे से फसल खराबे के बारे में अवगत कराया। मोहम्मद हैयाब एवं इब्राहिम खान ने चारे-पानी एवं रोजगार की समस्या के समाधान करने की बात कही। दोस्त मोहम्मद ने बताया कि इस बार क्षेत्र में बारिश नहीं होने से खरीफ की फसलें नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने अनुदान की राशि एवं फसल बीमा की राशि दिलवाने की बात रखी।
जेसार में केन्द्रीय अध्ययन दल ने स्थानीय पेयजल संग्रह के श्रेष्ठ नमूने टांको का निरीक्षण किया तथा पेयजल की उपलब्धता की ग्रामीणों से जानकारी ली।
इसके पश्चात केन्द्रीय अध्ययन दल ने रामसर तहसील क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान पंचायत समिति बायतु में प्रभावित किसानों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक लेकर सूखे से उत्पन्न स्थिति विशेषकर पशुधन संरक्षण, चारे, पानी एवं रोजगार की उपलब्धता तथा इससे निपटने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की जानकारी ली। इस दौरान प्रधान ने बताया कि कम बरसात के कारण पैदावार नहीं हो पाई एवं क्षेत्र में सूखे की स्थिति है। वहीं गुलाम मोहम्मद ने पशुधन के लिए चारा डिपो प्रारम्भ करने एवं मनरेगा के तहत 100 दिवस की बजाय 150 दिवस तक रोजगार उपलब्ध करवाने की बात रखी गई।
इसके पश्चात केन्द्रीय दल ने निम्बानियो की ढाणी में सूखे की स्थिति का जायजा लिया। दल ने माधसर एवं दुधवा में भी खेतों में किसानों के बीच संवाद किया। वहीं किसानों ने बारिश नहीं होने से खरीफ की फसल को हुए नुकसान एवं पशुधन संरक्षण में आ रही दिक्कतों से अवगत कराया।
    दल के क्षेत्र भृमण के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदान रतनू, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओमप्रकाश विश्नोई, चौहटन उपखंड अधिकारी भागीरथ राम, अधीक्षक अभियंता भरत सिंह, कृषि उपनिदेशक वी एस सोलंकी एवं राहत शाखा के मदनलाल कुमावत साथ रहे।
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