गुरुवार, 11 जुलाई 2019

लंबित राजस्व प्रकरणों के शीध्र निस्तारण के प्रयासः चौधरी

बाड़मेर, 11 जुलाई। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा है कि राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के शीध्र निस्तारण के लिए प्रयास किए जाएंगे। राजस्व मंत्री चौधरी गुरूवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध मंे पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। 
राजस्व मंत्री चौधरी ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में मामलों के अधिक समय तक लंबित रहने से विभाग और प्रदेश चिंतित है। ये फैसले किस प्रकार तीव्र गति से किए जाएं, इस बारे में कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि एससी, एसटी की जमीन पर कब्जे के मामले में तत्काल कार्यवाही की जाएगी। उन्हांेने कहा कि राजस्व प्रकरण के निस्तारण के लिए तीन माह का समय निर्धारित है,लेकिन कई बार पुनः वाद में जाने के कारण इनके निस्तारण में विलम्ब होता है। इसके अलावा कई मामलों में अदालत के निर्णय के बावजूद प्रार्थी को कब्जा नहीं मिलने पर उसे पुनः मजबूरी में दुबारा न्यायालय में जाना पड़ता है। इससे पहले विधायक श्रीमती संतोष की ओर से पूछे गए मूल प्रश्न के जवाब में चौधरी ने विधानसभा क्षेत्र अनूपगढ़ की तहसील अनूपगढ़, घडसाना, रावला में अतिक्रमण, वास्तविक खाताधारक व अतिक्रमणकर्ता के नाम सहित विवरण की सूची सदन के पटल पर रखी। राजस्व मंत्री ने तहसीलदार, उपखंड अधिकारी एवं जिला कलक्टर को की गई शिकायतों का विवरण तथा न्यायालय तहसीलदार, न्यायालय उपखण्ड अधिकारी तथा न्यायालय जिला कलक्टर में दायर वाद एवं की गई कार्यवाही का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग की भूमि पर अतिक्रमण के मामलों को संक्षिप्त विचारण कर आमतौर पर 3 माह में निर्णित करने के संबंध में राजस्व विभाग ने संबंधित राजस्व न्यायालयों को निस्तारण करने के लिए निर्देशित किया हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 08 दिसम्बर 2000, 09 फरवरी 2007 एवं 23 अप्रैल 2009 तथा 11 जनवरी 2012 को परिपत्र जारी कर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की भूमि पर अन्य जाति के व्यक्तियों की ओर से किए गए अवैध कब्जों को हटाने के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर उनकी सख्ती से पालना किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 183 के अन्तर्गत न्यायालय उपखण्ड अधिकारी अनूपगढ़ के न्यायालय में 36 प्रकरण लम्बित है तथा न्यायालय उपखण्ड अधिकारी घड़साना में 06 प्रकरण लम्बित है। इसी तरह राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 183 बी के अन्तर्गत तहसीलदार अनूपगढ़ के न्यायालय में 51 प्रकरण, न्यायालय तहसीलदार रावला में 2 एवं न्यायालय तहसीलदार घड़साना में 54 प्रकरण लंबित है। न्यायालय जिला कलक्टर में लम्बित प्रकरणों की सूचना शून्य है।

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