मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

बाल विवाहों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश


                बाड़मेर, 03 अप्रैल। जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने समस्त उपखंड अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, तहसीलदारों एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों को 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया तथा 29 अप्रैल को पीपल पूर्णिमा के अवसर पर बाल विवाहों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
                जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने इस दौरान बाल विवाहांे की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम करने एवं किसी तरह की कौताही नहीं बरतने के निर्देश दिए है। जिला कलक्टर नकाते ने विगत वर्षो की भांति बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों, वृत्ताधिकारी, थानाधिकारी, पटवारियों, भू-अभिलेख निरीक्षको, ग्राम पंचायत सचिवो, ग्राम सेवको, कृषि पर्यवेक्षको, आंगनवाडी कार्यकर्त्ता, अध्यापकों, नगरपरिषद एवं नगरपालिका के कर्मचारियों, जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों एवं वार्ड पंचो के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं आम जन को जानकारी कराते हुए जन जागृति उत्पन्न करने एवं बाल विवाह रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के लिए कहा है। उन्हांेने उपखंड अधिकारियांे को निर्देशित किया है कि वे संबंधित क्षेत्रों में बाल विवाह रोकने के लिए समुचित कार्यवाही करें। साथ ही बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी कार्यवाही सम्पादित की जाए। बाल विवाह की रोकथाम के लिए स्थापित कंट्रोल रूम 24 क्रियाशील रहें। उनके मुताबिक बाल विवाहों के आयोजन किए जाने की स्थिति में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा 16 के तहत नियुक्त ‘‘ बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों‘‘ उपखण्ड मजिस्ट्रेट की जबावदेही नियत की गई है। जिनके क्षेत्र में बाल विवाह सम्पन्न होनें की घटना होती है, उनके विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
जिला मजिस्ट्रेट नकाते ने निर्देशित किया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, आंगनवाडी कार्यकर्त्ता, साथिन एवं सहयोगिनी के कोर ग्रुप को सक्रिय किया जाएं। विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी यथा हलवाई, बैण्ड-बाजा वाले, पण्डित, बाराती, पाण्डाल व टेन्ट लगाने वाले, ट्रान्सपोर्ट्स इत्यादि को बाल विवाह में सहयोग नहीं करने का आवश्वासन लेकर उनको कानूनी जानकारी दी जाए।
कार्डाें पर प्रकाशित हो जन्म तिथि : विवाह के लिए प्रकाशित होने वाले निमन्त्रण पत्र पर वर-वधु की जन्म तिथि प्रिन्ट किये जाने के लिए प्रिन्टिग प्रेसों को पाबन्द किया जाए। विद्यालयों के  स्तर पर बाल विवाह के दुष्परिणामों व इससे सम्बन्धित विधिक प्रावधानों की जानकारी दिये जाने के लिए सभी स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं प्रारंभिक की ओर से उनके स्तर से कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। गांव मौहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, समन्वित रूप से समझाईश करना तथा आवश्यक हो तो कानून द्वारा बाल विवाह को रोका जाये।
सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की जाएं : बाल विवाह रोकथाम के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के ग्राम स्तरीय कार्यकत्ताओ को जोडा जाए। सयाथ ही पटवारियों एवं अध्यापिकाओं इत्यादि को बाल विवाह की संभावना होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबन्द किया जाएं। बाल विवाह की रोकथाम के लिए तुरन्त प्रभाव से जिले में पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं समस्त उपखण्ड कार्यालयों में नियन्त्रण कक्ष स्थापित करने के आदेश दिए गए है।

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