मुख्यमंत्री श्रीमती
वसुन्धरा राजे करेंगी 5 अगस्त को ज्ञान संकल्प पोर्टल को लॉंच
बाड़मेर, 11 जुलाई। राजकीय विद्यालयों को वित्तीय सम्बल प्रदान करने तथा आधारभूत संरचना के
सृद्ढ़ीकरण के लिए दानदाता अब शिक्षा विभाग की ओर से विकसित किए जाने वाले ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ एवं ‘मुख्यमंत्री विद्या
दान कोष’ के जरिए अपना सहयोग
कर सकेंगे। यह पोर्टल फंडिंग गेप को कम करने में मददगार साबित होगा।
शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि शिक्षा विभाग ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ तथा ‘मुख्यमंत्री विद्या
दान कोष’ बना रहा है। इस पोर्टल
का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे 5 अगस्त को ‘फेस्टिवल ऑफ एज्युकेशन’ में करेंगी। इस पोर्टल एवं कोष का मुख्य उद्देश्य राजकीय विद्यालयों की मूलभूत
आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के अनुसार सीएसआर,
भामाशाहों, संस्थाओं एवं क्राउड फंडिंग के माध्यम से आवश्यक धनराशि का संग्रहण एवं प्रबंधन
करना एवं विद्यालयों के विकास के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए दानदाताओ का सहयोग
प्राप्त करना हैं। इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भामाशाह और औद्योगिक घराने कॉर्पोरेट सोशियल
रेस्पोंसेबिलिटी के तहत जुड़कर सीधे राजस्थान सरकार को शिक्षा में किए जा रहे नवाचारों
एवं आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकते है। इस पोर्टल के माध्यम में
भामाशाह एवं औद्योगिक घराने प्रदेश के विद्यालयों को सहयोग देने के उद्देश्य से गोद
ले सकते हैं। दानदाता अथवा सीएसआर कम्पनी परियोजना गतिविधि के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध
करवाकर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के माध्यम से परियोजना क्रियान्वित कर सकती
हैं। दानदाताओं की ओर से दिए जाने वाले योगदान का उपयोग राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद
के द्वारा राज्य सरकार की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार विद्यालयों के विकास
के लिए किया जाएगा। मुख्यमंत्री विद्या दान कोष में दी गयी योगदान राशि को आयकर अधिनियम
की धारा 80जी के अन्तर्गत आयकर छूट प्रदान करने तथा विदेशी स्त्रोतों से योगदान प्राप्त करने
के लिए ‘फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगूलेशन एक्ट’ के तहत पंजीकरण की आवश्यक कार्यवाही भी राज्य सरकार करेगी।
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