बाड़मेर, 8 जुलाई। कृषि मंत्री श्री लाल चंद कटारिया ने विधानसभा में कहा कि बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और जालोर आदि जिलों में टिड्डी दल को नियंत्रित करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।
श्री कटारिया ने सोमवार को शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि टिड्डी दल ने पाकिस्तान, यमन तथा ईरान के रास्ते से राज्य में प्रवेश किया है तथा यह किसानों के लिए भारी संकट पैदा कर सकता है। उन्होेंने कहा कि टिड्डी दल के आने का पता चलते ही छिड़काव करने के लिए आस-पास के जिलों से अतिरिक्त कर्मचारियों और वाहनों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग पूरी तरह मुस्तैद है तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा वीडियो कॉन्फं्रेसिंग के जरिये संम्बधित जिलों के कलक्टरों से भी बात कर दिशा-निर्देश दिए गये हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि जालोर के कुछ क्षेत्रों में कांटे वाली झाड़ियां बहुत अधिक होने के कारण गाडियां पंक्चर हो जाती हैं तथा छिड़काव के लिए आगे नहीं जा पा रही हैं। उन्होंने कहा कि झाड़ियों को साफ करने की व्यवस्था की जा रही है तथा इस क्षेत्र में हवाई छिड़काव के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति ली जा रही है। इसके अतिरिक्त डेजर्ट नेशनल पार्क के क्षेत्र में भी गोडावन को नुकसान पहुंचाये बिना छिड़काव करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
श्री कटारिया ने सोमवार को शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि टिड्डी दल ने पाकिस्तान, यमन तथा ईरान के रास्ते से राज्य में प्रवेश किया है तथा यह किसानों के लिए भारी संकट पैदा कर सकता है। उन्होेंने कहा कि टिड्डी दल के आने का पता चलते ही छिड़काव करने के लिए आस-पास के जिलों से अतिरिक्त कर्मचारियों और वाहनों की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग पूरी तरह मुस्तैद है तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्थिति की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा वीडियो कॉन्फं्रेसिंग के जरिये संम्बधित जिलों के कलक्टरों से भी बात कर दिशा-निर्देश दिए गये हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि जालोर के कुछ क्षेत्रों में कांटे वाली झाड़ियां बहुत अधिक होने के कारण गाडियां पंक्चर हो जाती हैं तथा छिड़काव के लिए आगे नहीं जा पा रही हैं। उन्होंने कहा कि झाड़ियों को साफ करने की व्यवस्था की जा रही है तथा इस क्षेत्र में हवाई छिड़काव के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति ली जा रही है। इसके अतिरिक्त डेजर्ट नेशनल पार्क के क्षेत्र में भी गोडावन को नुकसान पहुंचाये बिना छिड़काव करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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